
एजबेस्टन – भारत ने एजबेस्टन टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन सलामी बल्लेबाज़ शुभमन गिल का चेहरा खुशी के साथ थोड़ी चिंता भी बयां कर रहा था। मैच के बाद गिल ने खुलकर अपनी भावनाएं ज़ाहिर करते हुए कहा, “ऐसे ही होते हैं टेस्ट मैच – उतार-चढ़ाव से भरे, हर पल नई चुनौती।”
हालांकि गिल ने इस मैच में अच्छी शुरुआत की, लेकिन वह एक बड़ी पारी को अंजाम नहीं दे सके। इस बात ने उन्हें थोड़ा खलने दिया। उन्होंने कहा, “टीम के जीतने की खुशी जरूर है, लेकिन जब आप खुद को बेहतर कर सकते हैं और नहीं कर पाते, तो थोड़ी कसक रह जाती है।”
गिल का यह बयान दर्शाता है कि आज के युवा खिलाड़ी न सिर्फ टीम के लिए खेलते हैं, बल्कि अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को भी गंभीरता से लेते हैं। टेस्ट क्रिकेट में मानसिक दृढ़ता और निरंतरता की अहमियत को गिल भलीभांति समझते हैं, और यही उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाता है।
टीम इंडिया की यह जीत भले ही ऐतिहासिक रही हो, लेकिन गिल की ईमानदारी यह बताती है कि असली खिलाड़ी वही होता है जो हर सफलता के बीच खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करता है।