नई दिल्ली, 2 दिसंबर 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पाँच रोहिंग्या नागरिकों की कथित हिरासत में गुमशुदगी पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब माँगा। मुख्य न्यायाधीश सुर्या कांत और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने पूछा कि क्या भारत सरकार ने रोहिंग्या को आधिकारिक रूप से “शरणार्थी” घोषित किया है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मई 2025 में दिल्ली पुलिस ने पाँच रोहिंग्या नागरिकों को हिरासत में लिया था, जिनका अब तक कोई पता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि “पहले आप अवैध रूप से देश में प्रवेश करते हैं और फिर यहाँ सुविधाएँ माँगते हैं। क्या हमें इनके लिए रेड कार्पेट बिछाना चाहिए?”
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की सीमाएँ संवेदनशील हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कानून को कितना आगे बढ़ाया जाए, यह गंभीर प्रश्न है। अदालत ने केंद्र से पूछा कि यदि कोई निर्वासन किया जाता है तो क्या वह विधिक प्रक्रिया के तहत होगा।