अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर को यहूदी समुदाय के हनुक्का त्योहार के दौरान हुए आतंकी हमले को लेकर एक ज़ोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस हमले को सिर्फ एक अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे वैश्विक सुरक्षा जोखिमों का परिणाम बताया।
इस हमले में दो संदिग्धों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। एक हमलावर को पुलिस ने मौके पर ही ढेर कर दिया, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल अवस्था में हिरासत में है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस इसे आतंकवादी हमला मानकर गंभीर जांच कर रही है।
गबार्ड ने कहा कि इस्लामिस्ट और इस्लामिज़्म अब “पूरी दुनिया की स्वतंत्रता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं।” उनके अनुसार यह हमला ऑस्ट्रेलिया में इस्लामवादियों की बढ़ती मौजूदगी और बड़े पैमाने पर बिना जांच-पड़ताल के प्रवासन का नतीजा है, जो अन्य देशों के लिए भी ख़तरे की घंटी है।
गबार्ड ने यूरोप और ऑस्ट्रेलिया दोनों को चेताया कि अब चुनौतियाँ “हाथ से निकल चुकी हैं,” लेकिन उन्होंने कहा कि अब भी अमेरिका के पास समय है यदि सख्त नीतियाँ अपनाई जाएं। उन्होंने वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का समर्थन करते हुए कहा कि सीमाओं की सुरक्षा, ज्ञात एवं संदिग्ध आतंकवादियों का निष्कासन और बिना जाँच के बड़े पैमाने पर प्रवास को रोकना आवश्यक है।
गबार्ड का मानना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो अमेरिका भी उसी जोखिम की ओर बढ़ सकता है जिस रास्ते पर यूरोप पहले ही पहुँच चुका है।