
हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस इस बार और भी गंभीर संदर्भ में सामने आया है। 2025 का यह दिवस उस समय मनाया जा रहा है जब दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग, जल संकट, वायु प्रदूषण और जैव विविधता के संकट से जूझ रही है। इस वर्ष की थीम है “हमारे पारिस्थितिक तंत्र की मरम्मत – पुनर्स्थापन ही समाधान” (Restoration is the Solution), जो इस बात पर ज़ोर देती है कि पर्यावरण को बचाने के लिए अब सजावटी प्रयासों से आगे बढ़कर वास्तविक बदलाव की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। जल, जंगल और ज़मीन की रक्षा हमारे भविष्य की रक्षा है।”
देश भर में सरकारी और निजी संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वृक्षारोपण अभियान, प्लास्टिक मुक्त अभियान और स्वच्छता रैलियों का आयोजन किया गया। राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक विशेष जन-जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जिसमें छात्रों, युवाओं और पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया।
जलवायु परिवर्तन पर चिंता
भारत समेत दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र असामान्य हो गया है। कहीं असमय बाढ़, तो कहीं भीषण सूखा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि अब भी कार्बन उत्सर्जन पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले दशक में हालात और भी भयावह होंगे।
युवाओं की भूमिका
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 में युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सोशल मीडिया के ज़रिए “#GreenIndiaMission” और “#EcoYouth2025” जैसे अभियान वायरल हुए। कई युवाओं ने अपनी पहल पर प्लास्टिक हटाओ, पेड़ लगाओ जैसे अभियानों की शुरुआत की।
क्या सिर्फ एक दिन काफी है?
विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सिर्फ एक दिन काफी नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसे जीवन का हिस्सा बनाना होगा। केवल वृक्षारोपण ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण, ऊर्जा की बचत, कचरा प्रबंधन और प्रकृति के साथ संतुलित जीवनशैली अपनाना ज़रूरी है।
निष्कर्ष
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 एक चेतावनी है – अब समय नहीं है केवल बातें करने का, अब ज़रूरत है ठोस कदम उठाने की। सरकार, संस्थाएं, और हर नागरिक अगर पर्यावरण को प्राथमिकता दें, तो ही धरती को भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। क्योंकि एक ही धरती है, और इसकी रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है।